भोपाल। राजधानी भोपाल की जिला अदालत ने पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को गुरुवार को अग्रिम जमानत दे दी। सौरभ और उनके साथी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद सौरभ ने अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
जमानत याचिका पर हुई विशेष सुनवाई
सौरभ शर्मा के वकील राकेश पाराशर ने गुरुवार को जिला अदालत में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई शुक्रवार को निर्धारित थी, लेकिन वकील के अनुरोध पर विशेष न्यायाधीश राम प्रताप मिश्रा ने गुरुवार को ही सुनवाई की।
सौरभ के वकील की दलीलें
सुनवाई के दौरान वकील ने दलील दी कि:
सौरभ लोकसेवक नहीं हैं, इसके बावजूद उन्हें गलत तरीके से मामले में फंसाया गया।
जिस कार में सोना मिला, वह सौरभ के नाम पर नहीं है, और उनका उससे कोई संबंध नहीं है।
सौरभ जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार हैं, और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।
अदालत का आदेश
अदालत ने वकील की दलीलें सुनने के बाद सौरभ को अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया। जज ने कहा कि साक्ष्यों और परिस्थितियों को देखते हुए सौरभ को जमानत पर रिहा किया जा सकता है।
आरोप और साजिश का दावा
मामले में सौरभ शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने वॉलेंटरी रिटायरमेंट लेने के बाद कुछ बड़े बिल्डर्स के साथ मिलकर निवेश किया। इन निवेशों में कथित तौर पर गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं। हालांकि, सौरभ ने इन आरोपों को साजिश करार दिया है।
अगली कार्रवाई
सौरभ शर्मा को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में पुलिस और अदालत की अगली कार्रवाई पर नजर बनी हुई है।