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राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर सारिका का संदेश: पक्षियों की चहचहाट बचाने के लिए कदम उठाएं

भोपाल। पक्षियों के संरक्षण और उनकी अहमियत को समझाने के लिए राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर विज्ञान प्रसारक और नेशनल अवॉर्ड विजेता सारिका घारू ने विशेष जागरूकता अभियान चलाया। इस अवसर पर सारिका ने भारत के विभिन्न राज्य पक्षियों की प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसमें पक्षियों के व्यवहार, उनकी प्रकृति और पर्यावरण में उनके महत्व को समझाया गया।

पक्षियों को खुले आसमान का हक

सारिका ने पक्षियों की आजादी पर जोर देते हुए कहा, “पक्षियों का जीवन पिंजड़े में नहीं, खुले आसमान में होता है।” उन्होंने लोगों को पक्षियों को कैद न करने और उनके लिए सुरक्षित आश्रय और भोजन उपलब्ध कराने का आह्वान किया।

पतंग के मांझे से बढ़ता खतरा

प्रदर्शनी के दौरान सारिका ने पतंग के मांझे से पक्षियों को होने वाले खतरों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “उड़ती पतंग पक्षियों के लिए घातक हो सकती है, क्योंकि मांझे से उनके पंख और शरीर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।”

पक्षियों के आश्रय के लिए वृक्षों का संरक्षण जरूरी

सारिका ने पर्यावरण और पक्षियों के बीच के गहरे संबंध को समझाते हुए कहा कि पक्षियों को सुरक्षित आश्रय देने के लिए वृक्षों का संरक्षण अत्यावश्यक है। उन्होंने सभी से अपील की कि पक्षियों के लिए प्राकृतिक आवास बचाने और उन्हें भोजन उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाएं।

संकल्प: पक्षियों को दें आजादी और संरक्षण

इस जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संकल्प दिलाया गया कि वे पक्षियों को पिंजड़ों में कैद करने के बजाय उन्हें उनकी प्राकृतिक आजादी देंगे। साथ ही, पक्षियों के भोजन और आश्रय के लिए सतत प्रयास करेंगे।

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