भोपाल: सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या महाविद्यालय ने मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार ‘भारतीय ज्ञान परंपरा: विविध संदर्भ’ विषय पर एक गहन संगोष्ठी का आयोजन किया। इस आयोजन में जेएनयू और केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार के प्रतिष्ठित विद्वानों ने भारतीय चिंतन और दर्शन की अमूल्य परंपराओं पर प्रकाश डाला।
**विशेषज्ञों की अंतर्दृष्टि:**
– **डॉ. अमित कुमार (जेएनयू)**: उन्होंने प्राचीन भारत के सांस्कृतिक एकीकरण और इसकी विश्व सभ्यताओं में अनूठी स्थिति पर विचार व्यक्त किए।
– **डॉ. सनत कुमार (केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार)**: उन्होंने भारतीय चिंतन परंपरा में नवीन संभावनाओं और जीवन के प्रतिवैज्ञानिक दृष्टिकोण पर अपने विचार साझा किए।
**शैक्षिक परिवर्तन पर प्रकाश:**
प्राचार्य डॉ. रजनी श्रीवास्तव ने औपनिवेशिक काल के शिक्षा में परिवर्तन और वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ज्ञान परंपरा की आवश्यकता पर जोर दिया।
**शिक्षा की भारतीय ज्ञान परंपरा:**
‘स विद्या य विमुक्तये’ के माध्यम से शिक्षा के भारतीय ज्ञान परंपरा में निहित अर्थ को विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया।
**विद्यार्थी संवाद:**
अतिथि वक्ताओं ने विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर दिया, जिससे एक सक्रिय और ज्ञानवर्धक चर्चा का माहौल बना।
**आभार और संचालन:**
डॉ. अर्चना चौहान ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया और डॉ. मनीषा शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
इस आयोजन में वर्चुअल और भौतिक रूप से बड़ी संख्या में शिक्षकों, छात्राओं और अन्य विद्वानों ने भाग लिया, जिससे इस संगोष्ठी को एक व्यापक पहुंच प्राप्त हुई। इस तरह के आयोजन भारतीय ज्ञान परंपरा को समझने और उसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।