2024: युद्धों और तनाव के साए में बीता वर्ष, 2025 में शांति की उम्मीदें?

लंदन। 2024 वैश्विक युद्धों और तनावों का गवाह रहा, जिसने न केवल लाखों लोगों की जिंदगियों को प्रभावित किया, बल्कि कोरोना महामारी के बाद पनपी शांति और समृद्धि की उम्मीदों को भी झकझोर कर रख दिया। रूस-यूक्रेन, इजराइल-फिलिस्तीन, चीन-ताइवान, भारत-पाकिस्तान और कोरिया प्रायद्वीप जैसे क्षेत्रों में जारी संघर्षों ने शांति की संभावनाओं को और कमज़ोर कर दिया है। अब सवाल यह है कि 2025 में शांति का कोई नया अध्याय शुरू होगा या नहीं?

रूस-यूक्रेन युद्ध: कब थमेगा ये संघर्ष?

2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध ने 2024 में भी अपनी विनाशकारी स्थिति को जारी रखा। रूस अब भी यूक्रेन के 18 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा जमाए हुए है। इस युद्ध ने लाखों नागरिकों की जान ली और करोड़ों लोगों को विस्थापित किया। हालांकि, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की संभावित वापसी के बाद कूटनीतिक प्रयासों की उम्मीदें जगी हैं, लेकिन युद्ध के जल्द खत्म होने की संभावना फिलहाल धूमिल नजर आती है।

इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष: एक और युद्ध का दौर

7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमले के बाद गाजा पट्टी में संघर्ष तेज़ हो गया। इस युद्ध में हजारों लोग मारे गए, और लाखों बेघर हो गए। मध्य पूर्व में लेबनान के हिज़बुल्लाह और यमन के हूती विद्रोही भी इस संघर्ष में शामिल हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय शांति प्रयासों में लगा हुआ है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान निकलता नहीं दिख रहा।

सीरिया का गृहयुद्ध: एक अनवरत संघर्ष

2011 में शुरू हुआ सीरिया का गृहयुद्ध 2024 में भी जारी है। असद सरकार और विद्रोही गुटों के बीच सत्ता संघर्ष ने देश को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है। विद्रोही गुटों द्वारा अलेप्पो पर कब्जा और एमएसआईएस की रिपोर्ट्स से यह स्पष्ट है कि 2025 में भी यहां शांति की उम्मीदें कमजोर ही रहेंगी।

चीन-ताइवान तनाव: क्या होगा प्रशांत क्षेत्र का भविष्य?

2024 में चीन ने ताइवान के आसपास अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दीं। चीन ताइवान को अपनी सीमा का हिस्सा मानता है, जबकि अमेरिका ताइवान का समर्थन कर रहा है। इस तनाव के कारण प्रशांत क्षेत्र में युद्ध की संभावना बढ़ गई है, जो एशिया और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

भारत-पाकिस्तान सीमा विवाद: क्या शांति संभव है?

भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर 2024 में भी तनाव बना रहा। राजनीतिक अस्थिरता और सीमा पर संघर्षों ने दोनों देशों के रिश्तों को और खराब कर दिया है। हालांकि, शांति वार्ता की संभावनाएं भी बनी हुई हैं, लेकिन हालात स्थिर होने में समय लगेगा।

उत्तर और दक्षिण कोरिया: युद्ध की कगार पर

उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच दशकों से चल रहा तनाव 2024 में और बढ़ गया। उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं और दक्षिण कोरिया की आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल ने क्षेत्र में युद्ध के खतरे को और बढ़ा दिया है।

दक्षिण चीन सागर विवाद: व्यापार के लिए संकट

दक्षिण चीन सागर में चीन के वर्चस्व को लेकर जारी विवाद 2024 में और गहरा गया। यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन चीन और अन्य देशों के बीच विवाद बढ़ने से 2025 में तनाव और बढ़ने की संभावना है।

2025: शांति की नई उम्मीद या संघर्षों का नया अध्याय?

2024 के युद्धों और तनावों के बीच, 2025 में कुछ संघर्षों के समाधान की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, इसके लिए सभी देशों को मिलकर शांति प्रयासों को मजबूत करना होगा। अगर सामूहिक प्रयास किए जाएं, तो 2025 शांति और स्थिरता का वर्ष बन सकता है।

नोट: युद्ध और संघर्ष के कारण वैश्विक शांति को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। इसे रोकने के लिए वैश्विक समुदाय को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।

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