*येरेवान*: अजरबैजान के हमलों का सामना कर रहे आर्मेनिया ने भारत से हथियार खरीद समझौते को बढ़ाया है, जो अब 2 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। भारत आर्मेनिया को प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता बन गया है। 2020 में आर्मेनिया ने भारत से आकाश एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा था, और अब नए समझौते के तहत लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपें और अस्त्र एयर-टू-एयर मिसाइलें शामिल हैं।
आर्मेनिया अपने रूस से खरीदे गए सुखोई 30 विमानों को भी अपग्रेड करने के लिए भारत पर निर्भर है, जिनमें अस्त्र मिसाइलें लगाई जाएंगी। नगोर्नो कराबाख पर कब्जा करने के बाद भी अजरबैजान की सेना लगातार आर्मेनिया पर हमले कर रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते मास्को से हथियारों की आपूर्ति ठप हो जाने के बाद, आर्मेनिया ने भारत से हथियार खरीदने का फैसला किया है।
**दक्षिण काकेशस में भारत की बढ़ती भूमिका**
विश्लेषकों के अनुसार, इस समझौते से भारत की दक्षिण काकेशस क्षेत्र में पकड़ मजबूत हो रही है। भारत अब इस क्षेत्र में तुर्किए और पाकिस्तान के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने की स्थिति में है। साथ ही, इससे भारत की यूरोपीय और यूरेशियाई देशों में भी रणनीतिक स्थिति बेहतर हो रही है।
**आकाश मिसाइल सिस्टम की डील**
2022 में आर्मेनिया ने 72 करोड़ डॉलर की डील के तहत 15 आकाश मिसाइल सिस्टम के लिए समझौता किया था, और वह आकाश सिस्टम का पहला विदेशी खरीदार बन गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, आर्मेनिया को 2024 के अंत तक आकाश-1 एस एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा, आर्मेनिया ने पिनाका सिस्टम के लिए भी भारत के साथ समझौता किया है।
**2024-25 में हथियार डील का विस्तार**
2024-25 के बीच अब तक आर्मेनिया ने भारत से 60 करोड़ डॉलर के हथियारों की डील की है, जिसमें तोप, एंटी टैंक रॉकेट और एंटी ड्रोन उपकरण शामिल हैं। इन रक्षा समझौतों से स्पष्ट है कि भारत और आर्मेनिया एक नए क्षेत्रीय गठबंधन को आकार दे रहे हैं, जो दोनों देशों के रणनीतिक हितों को मजबूत कर रहा है।
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