वाशिंगटन: माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के एक हालिया बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है, खासकर भारतीय टिप्पणीकारों ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। इंटरनेट उद्यमी और पॉडकास्टर रीड हॉफमैन के पॉडकास्ट में गेट्स ने भारत को ‘प्रयोगशाला’ जैसा बताया, जो सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा का विषय बन गया है।
गेट्स ने अपने बयान में कहा, “भारत एक ऐसा उदाहरण है, जहां कई चीजें बहुत मुश्किल होती हैं, लेकिन यहां स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के क्षेत्रों में सुधार हो रहा है। सरकार अपनी शक्तियों से पर्याप्त राजस्व जुटा रही है और अगले 20 वर्षों में यहां के लोग चमत्कारी रूप से बेहतर स्थिति में होंगे। भारत इस समय एक ‘प्रयोगशाला’ जैसा है, जहां चीजों को आजमाया जा सकता है और गुणवत्ता के स्तर पर माप-तौल कर दूसरे हिस्सों में लागू किया जा सकता है।”
अपने बयान के दौरान गेट्स ने यह भी बताया कि उनके ‘बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ के भारत में सबसे बड़े कार्यालय हैं, और भारत की भूमिका उनकी संस्था की कई पहलों में अहम रही है।
हालांकि, गेट्स के इस बयान का उद्देश्य वैश्विक विकास यात्रा में भारत की अहम भूमिका को उजागर करना था, लेकिन उनके शब्दों के चयन पर सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है। भारतीय टिप्पणीकारों का कहना है कि गेट्स ने भारत को प्रयोगशाला जैसा संबोधित करके एक नकारात्मक और अपमानजनक दृष्टिकोण पेश किया है।