लॉस एंजेल्स के जंगलों में आग से उत्पन्न संकट, साजिश के आरोप और प्रशासन पर सवाल

लॉस एंजेल्स के जंगलों में लगी भीषण आग ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घर जलकर खाक हो गए। 7 जनवरी, 2025 को शुरू हुई इस आग में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है, और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, जिनमें आग की असामान्य लपटों और घरों, गाड़ियों के जलने के कारणों को लेकर साजिश की थ्योरीज़ भी वायरल हो रही हैं।

कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि यह आग जानबूझकर शुरू की गई है, ताकि नए शहरों को बसाने की योजना को लागू किया जा सके। वहीं, कुछ लोग डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स (DEWs) के इस्तेमाल की बात कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के माध्यम से विकास योजनाओं को बढ़ावा देना बताया जा रहा है। इस थ्योरी के मुताबिक, एशिया के सागर रैयशी इलाकों को नष्ट करके नए क्षेत्र बसाए जा रहे हैं।

इसके अलावा, कैलिफ़ोर्निया की एक बीमा कंपनी द्वारा कुछ इलाकों की बीमा पॉलिसियों को रद्द करने का भी आरोप लगाया जा रहा है। इन इलाकों में अब आग ने तांडव मचाया है। कंपनी का कहना है कि उन्होंने वित्तीय संकट से बचने के लिए यह कदम उठाया, लेकिन आलोचक इसे एक और साजिश मानते हैं।

एक और विवादास्पद दावा यह है कि कुछ इलाकों में ताड़ के पेड़ पूरी तरह से जलने के बावजूद बच गए, जबकि अन्य पेड़ आग में जल गए। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि ताड़ के पेड़ अपनी मोटी छाल और पानी की कमी के कारण आग से बच जाते हैं।

हॉलीवुड एक्टर मेल गिब्सन भी इस आग से प्रभावित हुए हैं, और उनके 15 मिलियन डॉलर के मालिबू घर की जलने की घटना के बाद उन्होंने कैलिफ़ोर्निया सरकार पर सवाल उठाए हैं। गिब्सन ने आरोप लगाया कि इस आग का उद्देश्य लोगों को उनके घरों से बेदखल करना था। उन्होंने आग लगने के दौरान फायर हाइड्रेंट्स में पानी की अनुपलब्धता पर भी चिंता जताई है।

इस विनाशकारी घटना ने न केवल साजिश की थ्योरी को हवा दी है, बल्कि प्रशासन और सरकार पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञ और नागरिक दोनों इस संकट से निपटने के लिए अधिकारियों की तैयारी और प्रतिक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।

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