कोलंबो: श्रीलंका की राजनीति में एक नया अध्याय तब लिखा गया जब हरिनी अमरसूर्या को देश की नई प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। अमरसूर्या ने प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने की जगह ली है और उन्हें न्याय, शिक्षा, श्रम, उद्योग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और निवेश जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 54 वर्षीय हरिनी अमरसूर्या का भारत से गहरा नाता रहा है, क्योंकि उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा भारत के प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। इसके अलावा, उन्होंने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से सामाजिक मानविकी में पीएचडी की है।
अमरसूर्या एक प्रेरणादायक नेता के रूप में जानी जाती हैं और श्रीलंका विश्वविद्यालय में व्याख्याता भी रह चुकी हैं। उनके विचारों और दृष्टिकोण ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया है। अब, प्रधानमंत्री के रूप में, उनके सामने श्रीलंका की राजनीतिक दिशा को नए सिरे से निर्धारित करने और देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने की बड़ी चुनौती है।
इम्तियाज अली और अर्नब गोस्वामी की बैचमेट रहीं
दिल्ली विश्वविद्यालय के दिनों को याद करते हुए, अमरसूर्या की बैचमेट और अब बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक नलिन राजन सिंह ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, “हरिनी को कॉलेज के उत्सवों और बहसों में सक्रिय रूप से शामिल होते देखा है। वह 90 के दशक का समय था, जब हमारे जैसे लोग, इम्तियाज अली और अर्नब गोस्वामी, अपनी पहचान बनाना शुरू कर रहे थे। उन्हें आज प्रधानमंत्री के पद पर देखना गर्व का क्षण है।”
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के पूर्व प्रेसिडेंट सिंह ने यह भी कहा कि अमरसूर्या की यह नई भूमिका भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी। उनका मानना है कि अमरसूर्या के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच सहयोग और मैत्री संबंधों को नया आयाम मिलेगा।