दावोस। विश्व आर्थिक मंच (WEF) की पांच दिवसीय वार्षिक बैठकें दावोस में आयोजित की गईं, जहां दुनियाभर के बड़े उद्योगपति और राजनीतिक नेता शामिल हुए। इस आयोजन में भारत को 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हासिल करने की सफलता मिली। हालांकि, इसी बैठक से जुड़ी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है।
300 से अधिक महिलाओं की बुकिंग का खुलासा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्यक्रम के दौरान दावोस में 300 से अधिक महिलाओं और ट्रांस महिलाओं की बुकिंग की गई। इनमें से कई महिलाएं सेक्स वर्कर थीं। एस्कॉर्ट सिद्दीकी ने बताया कि इस तरह की बुकिंग की संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई है।
एस्कॉर्ट्स की बढ़ती मांग:
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दावोस और उसके आसपास के इलाकों में आयोजित इस आयोजन में एस्कॉर्ट्स की भारी मांग थी। विश्वभर के अमीर और प्रभावशाली लोग, जिनमें से कई बड़ी कंपनियों के मालिक हैं, महिलाओं के साथ समय बिताने के लिए भारी रकम चुकाते हैं।
क्या है वजह?
उच्च भुगतान: रिपोर्ट के मुताबिक, एस्कॉर्ट्स को प्रति घंटे 6,000 से अधिक की राशि दी गई।
आर्थिक प्रभाव: दावोस में आने वाले अमीरों के लिए यह खर्च सामान्य माना जाता है।
विवाद का कारण: इस आयोजन ने आर्थिक और राजनीतिक चर्चाओं से अधिक, इन खुलासों के कारण विवाद खड़ा कर दिया।
भारत की बड़ी भागीदारी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य प्रमुख भारतीय मंत्रियों की अगुवाई में इस आयोजन में भारत को 20 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ। महाराष्ट्र के दक्षिणी क्षेत्र में इस निवेश का बड़ा हिस्सा आने की उम्मीद है।
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दावोस में एस्कॉर्ट विवाद
WEF 2025 बैठक में सेक्स वर्कर्स की मांग
भारत को दावोस में 20 लाख करोड़ का निवेश
ट्रांस महिलाओं की बुकिंग का खुलासा