नासा वापल लाने के लिए एलन मस्क से मांग सकता हैं मदद
वाशिंगटन । अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुश विलमोर स्पेस स्टेशन में 2 महीने से फंसे हुए हैं। उन्हें 5 जून को महज 8 दिनों के मिशन पर भेजा गया था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में खराबी के चलते, वहीं अटक गए है। अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा है कि दोनों की वापसी में फरवरी 2025 तक का वक्त लग सकता है।
5 जून 2024 को सुनीता स्टारलाइनर नाम के स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर स्पेस मिशन पर गई थीं। ये अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग और नासा का संयुक्त ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ है। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ विलमोर मिशन के कमांडर थे। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 8 दिन बीतकर वापस आना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी दिक्कतों और हीलियम गैस के रिसाव के चलते वहीं फंस गए हैं।
सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं, जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए। मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली उड़ाना था। फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे। रिपोर्ट के मुताबिक लांच के बाद 25 दिनों में स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल में 5 हीलियम लीक हुए। 5 थ्रस्टर्स काम करना बंद कर चुके थे। इसके अलावा एक प्रॉपेलेंट वॉल्व पूरी तरह बंद नहीं किया जा सका। स्पेस में मौजूद क्रू और अमेरिका के ह्यूस्टन में बैठे मिशन के मैनेजर मिलकर भी इसे ठीक नहीं कर पा रहे हैं। नासा, बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से सुनीता और विलमोर को वापस लाएगी या नहीं, इस पर अगले हफ्ते तक ही कोई सटीक निर्णय आ सकता है। नासा, दोनों की वापसी के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का भी इस्तेमाल कर सकती है। अगर स्टारलाइनर वाकई में सुनीता को वापस लाने की हालत में नहीं होगा, तब नासा को स्पेसएक्स के ड्रैगन की मदद लेनी ही पड़ेगी। नासा का कहना है कि सुनीता और विलमोर की वापसी फरवरी 2025 तक टाली जा सकती है। इस तरह 5 जून से फरवरी 2025 तक सुनीता को स्पेस स्टेशन पर 8 महीने से ज्यादा का समय लग सकता है।