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ईरान की साजिश: डोनाल्ड ट्रंप की हत्या कर अमेरिका में अराजकता फैलाने का खुफिया अलर्ट

वॉशिंगटन:* अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने एक बड़े षड्यंत्र का खुलासा करते हुए अलर्ट जारी किया है। एजेंसियों के अनुसार, ईरान अमेरिका में अराजकता फैलाने के मकसद से डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रच रहा है। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस षड्यंत्र के तहत ट्रंप पर पहले ही दो जानलेवा हमले हो चुके हैं, जिनसे वे बाल-बाल बचे हैं।

खुफिया एजेंसियों ने ट्रंप को इस खतरे के बारे में आगाह किया है, और उनके सुरक्षा इंतजाम और कड़े कर दिए गए हैं। यह अलर्ट ऐसे समय में आया है जब 5 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस से है।

### ट्रंप पर हुए हमले

डोनाल्ड ट्रंप पर पहला हमला 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया के बटलर में एक रैली के दौरान हुआ था, जब 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने उन पर गोली चलाई थी। एक गोली ट्रंप के कान के पास से गुजर गई, लेकिन उनकी जान बच गई। सीक्रेट सर्विस ने तत्परता दिखाते हुए क्रुक्स को मौके पर ही मार गिराया था।

दूसरा हमला 15 सितंबर को फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में हुआ। ट्रंप के इंटरनेशनल गोल्फ क्लब के बाहर गोलीबारी की गई, हालांकि ट्रंप घटना के वक्त वहां से कुछ सौ मीटर की दूरी पर थे। इस मामले में 58 वर्षीय रयान वेस्ले राउथ को बंदूक के साथ गिरफ्तार किया गया था।

### सुरक्षा बढ़ाई गई

ट्रंप के अभियान संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने बताया कि राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय ने डोनाल्ड ट्रंप को स्पष्ट तौर पर बताया है कि उनकी जान को गंभीर खतरा है, और इसके पीछे ईरान की साजिश है। ईरान इस हत्या के जरिये अमेरिका में अस्थिरता और अराजकता फैलाना चाहता है।

स्टीवन चेउंग ने यह भी कहा कि ईरान का आतंकवादी शासन कमला हैरिस की कमजोरी से खुश है, जबकि ट्रंप की ताकत से भयभीत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी जनता के लिए लड़ते रहेंगे और किसी भी बाधा को उनके “अमेरिका को फिर से महान बनाने” के संकल्प के रास्ते में नहीं आने देंगे।

अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां सुनिश्चित कर रही हैं कि राष्ट्रपति चुनाव शांति और सुरक्षा के साथ हो सके, और डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में कोई कमी न रहे।


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