मुंबई: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों ने सतर्कता दिखाई है। इस सप्ताह बाजार में मिलाजुला प्रदर्शन देखा गया, जिसमें सप्ताह की शुरुआत में गिरावट आई, लेकिन शुक्रवार के सत्र में बिकवाली का आकलन किया गया। खासकर लार्जकैप आईटी कंपनियों और स्टॉक एक्सचेंजों पर दबाव बढ़ा, हालांकि सरकारी बैंकों का प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है।
बाजार सप्ताह के अंत में 76,619.33 पर बंद हुआ, वहीं सेंसेक्स 23,203.2 पर स्थिर रहा। दूसरी ओर, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने कुछ हद तक सुधार दिखाया। मिडकैप 100 में 123.85 अंकों की बढ़त के साथ 54,607.65 पर और स्मॉलकैप 100 में 28.75 अंकों की बढ़त के साथ 17,672.05 पर बंद हुआ।
सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से बाजार में भारी गिरावट देखी गई है, जिसमें मिडकैप स्टॉक्स में 12% और स्मॉलकैप स्टॉक्स में 11% से अधिक की गिरावट आई है। निवेशक अगले तिमाही के नतीजों को लेकर सतर्क हैं, जो बाजार की दिशा तय करेंगे।
मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर के मजबूत होने और नए अमेरिकी प्रशासन की आर्थिक नीतियों के कारण निवेशक जोखिम कम कर रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय डरने का नहीं, बल्कि समझदारी से निवेश करने का है। गिरावट के बीच अच्छे स्टॉक्स में निवेश का यह अच्छा अवसर हो सकता है, जिसमें भविष्य में विकास की संभावनाएँ हैं।