तेहरान। सऊदी अरब ने अपने कानून के तहत छह ईरानी नागरिकों को मौत की सजा दी है। इस पर ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए तेहरान स्थित सऊदी अरब के राजदूत अब्दुल्ला बिन सऊद अल-अंजी को तलब किया और एक औपचारिक विरोध पत्र सौंपा। ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को लेकर सऊदी सरकार की निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करार दिया है।
ईरानी विदेश मंत्रालय के सलाहकार करीमी शास्ती के अनुसार, इन छह नागरिकों को कई साल पहले हशीश की तस्करी के आरोप में दोषी ठहराया गया था। सऊदी सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपील खारिज होने के बाद हाल ही में उन्हें मौत की सजा दी गई। ईरान का कहना है कि इस दौरान उसने कई बार सजा में रियायत की अपील की, लेकिन सऊदी अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
सऊदी गृह मंत्रालय ने मामले पर बयान देते हुए कहा कि यह सजा इस्लामिक कानून के अनुसार दी गई है, जिसका उद्देश्य देश को मादक पदार्थों के खतरे से बचाना है। हालांकि, मंत्रालय ने सजा की तिथि और स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
ईरान और सऊदी अरब के संबंधों में फिर तनाव
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब 2023 में ईरान और सऊदी अरब ने सात वर्षों के तनाव के बाद अपने राजनयिक संबंध बहाल किए थे। इससे पहले, 2016 में शिया धर्मगुरु निम्र अल-निम्र को फांसी देने के बाद दोनों देशों के संबंध टूट गए थे। तब ईरान में सऊदी दूतावास पर हमला हुआ था।
मार्च 2023 में चीन की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच संबंध बहाल हुए थे। लेकिन हालिया घटना ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव को हवा दे दी है।
विश्लेषकों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना से दोनों देशों के बीच हालिया सहयोग पर असर पड़ सकता है। ईरान ने सऊदी अरब से अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने और इस प्रकार की घटनाओं से बचने की अपील की है।
निष्कर्ष
यह मामला ईरान और सऊदी अरब के बीच जटिल संबंधों को दर्शाता है। आगे यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस घटना के बाद दोनों देशों के राजनयिक संबंध किस दिशा में जाते हैं।