बांग्लादेश में तख्तापलट की साजिश का खुलासा: ISI और वैश्विक ताकतों का था हाथ

बांग्लादेश में एक साल से तख्तापलट की साजिश रची जा रही थी, जिसमें देश के राष्ट्रपति, सेना प्रमुख, और माइक्रोफाइनेंस बैंकिंग एक्सपर्ट मोहम्मद यूनुस जैसे प्रमुख किरदार शामिल थे। मोहम्मद यूनुस, जो वर्तमान में लंदन में रहते हैं, इस साजिश के पीछे मुख्य व्यक्ति माने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की सेना उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की तैयारी कर रही थी।

इस तख्तापलट की साजिश में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और पाकिस्तान की ISI का भी हाथ था। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार और ब्रिटेन की लेबर पार्टी ने भी इस योजना को मंजूरी दी थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटेन में लेबर पार्टी के सत्ता में आने के बाद इस योजना को और तेजी से अंजाम दिया गया।

तख्तापलट के लिए फंडिंग की जिम्मेदारी जॉर्ज सोरोस, अमेरिका और ब्रिटेन ने उठाई थी। बाइडेन का बेटा खालिदा जिया के संपर्क में था और इस योजना की पृष्ठभूमि तब बनाई गई जब विदेशी दबाव के चलते बांग्लादेश के चुनावों में विपक्ष की किसी भी पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया। इस साजिश का मकसद शेख हसीना को तानाशाह के रूप में पेश करना और उन्हें सत्ता से बेदखल करना था।

बाद में, बांग्लादेश के कोर्ट ने अचानक से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आरक्षण को बहाल करने का फैसला सुनाया, जिसे शेख हसीना ने करीब 6 साल पहले खत्म कर दिया था। इस फैसले के बाद देश में हिंसा भड़क उठी और कोर्ट ने एक और चाल चलते हुए विकलांग, महिला और पिछड़े जिलों के लिए निर्धारित आरक्षण को भी समाप्त कर दिया, जिससे हिंसा और बढ़ गई।

इस दौरान सेना और राष्ट्रपति ने हिंसा को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया, जिससे हालात और बिगड़ते चले गए। अंततः, सेना प्रमुख ने शेख हसीना को देश छोड़ने या भीड़ द्वारा हत्या करवाने की धमकी दी, जिसके बाद शेख हसीना ने देश छोड़ दिया।

यह पूरी साजिश भारत के लिए भी एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि बांग्लादेश में सक्रिय डीप स्टेट ताकतें भारत में भी अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर सकती हैं। कुछ साल पहले हुए किसान आंदोलन के दौरान, स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा गलती से ट्वीट किए गए टूलकिट ने भी इसी तरह की योजनाओं का संकेत दिया था।

Exit mobile version