गाजा। इजरायली सेना ने गाजा के उत्तरी क्षेत्र में क्रिएटिव कमाल अदवान अस्पताल और अल-अवदा अस्पताल पर हमला किया है। इसके साथ ही एक स्कूल पर भी हमला किया गया, जिसमें कम से कम 8 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। यह घटना गाजा में पहले से जारी मानवीय संकट को और गंभीर बना रही है।
संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में स्थिति को “दम घोंटने वाला” बताते हुए चेतावनी दी है कि इजरायली घेराबंदी से मानवीय राहत कार्य बाधित हो रहे हैं। अस्पतालों और स्कूलों जैसे नागरिक स्थलों पर हमले ने हालात को और खराब कर दिया है। कमाल अदवान अस्पताल पहले से ही भारी दबाव में था, लेकिन इजरायली सेना ने वहां मौजूद लोगों को तुरंत खाली करने का आदेश दिया।
अंतर्राष्ट्रीय चिंता बढ़ी
संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इन हमलों की निंदा करते हुए तत्काल संघर्षविराम की अपील की है। गाजा में 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इजरायली हमलों में अब तक 45,227 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए और 1,07,573 लोग घायल हुए हैं। दूसरी ओर, हमास के हमलों में इजराइल में 1,139 लोग मारे गए और 200 से अधिक लोग बंधक बनाए गए हैं।
पोप फ्रांसिस का तीखा बयान
पोप फ्रांसिस ने गाजा में बच्चों की हत्या को “युद्ध नहीं, बल्कि अमानवीय कृत्य” करार दिया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “बच्चों की जान लेना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकता।” इस बयान पर इजरायली विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिका का यमन पर हमला
इस बीच, यमन की राजधानी सना में अमेरिकी सेना ने छापा मारा। यह कार्रवाई उस समय हुई जब हूथी विद्रोहियों की एक मिसाइल तेल अवीव-याफा क्षेत्र में गिरी, जिससे कई लोग घायल हो गए।
मानवीय संकट पर अंतरराष्ट्रीय अपील
गाजा के समुद्र तट पर बढ़ते तनाव और नागरिक स्थलों पर हो रहे हमलों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंतित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यदि संघर्षविराम जल्द नहीं हुआ, तो यह संकट वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।