तेल अवीव। इजराइल ने सीरिया में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑपरेशन न्यू ईस्ट’ की शुरुआत कर दी है। इस ऑपरेशन के तहत इजराइल ने सीरिया के गोलान हाइट्स से सटे इलाकों में अपनी सेना तैनात कर दी है। इजराइली सेना ने कुनेइत्रा, नवा और दारा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को मुख्य फोकस में रखा है।
इजराइल ने सीरिया में अब तक 100 से अधिक हवाई हमले किए हैं और अपने हमलों का दायरा लगातार बढ़ा रहा है। गोलान हाइट्स के डिमिलिटराइज्ड जोन में भी इजराइल ने हमले तेज कर दिए हैं। इजराइल की सेना अब सीरिया के भीतर 14 किलोमीटर तक पहुंच चुकी है। हालांकि, इजराइल के अधिकारियों ने इसे अस्थाई कदम बताया है।
दारा पर खास नजर
2011 में असद सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की शुरुआत दारा से हुई थी। अब इजराइल का मानना है कि यही क्षेत्र हथियारों और गोला-बारूद की सप्लाई का केंद्र बन चुका है। यह इलाका वेस्ट बैंक और दक्षिण लेबनान तक हथियार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है। इसी वजह से इजराइल यहां के हथियार डिपो और गोला-बारूद के ठिकानों को निशाना बना रहा है।
ईरान समर्थित समूहों को कमजोर करने का लक्ष्य
इजराइल ने स्पष्ट किया है कि उसका यह अभियान ईरान समर्थित समूहों की सैन्य क्षमता को कमजोर करने और अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल इस ऑपरेशन के लिए लंबे समय से तैयारी कर रहा था। जैसे ही सीरिया के विद्रोही गुटों ने असद सरकार को कमजोर किया, इजराइल ने तुरंत अपना अभियान शुरू कर दिया।
ऑपरेशन का उद्देश्य
इजराइल के इस ऑपरेशन का उद्देश्य केवल अपने सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना नहीं है, बल्कि ईरान समर्थित समूहों को क्षेत्रीय स्तर पर कमजोर करना भी है। ‘ऑपरेशन न्यू ईस्ट’ के तहत इजराइल अपनी रणनीतिक स्थिति मजबूत करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है।
निष्कर्ष:
इजराइल की नई रणनीति न केवल उसकी सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है, बल्कि सीरिया में उसकी बढ़ती सैन्य गतिविधियों को भी दर्शा रही है। यह ऑपरेशन क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या असर डालेगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।