व्हाट्सएप सुरक्षा पर मार्क जुकरबर्ग का बड़ा बयान: एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और डिजिटल गोपनीयता पर अहम जानकारी
सैन फ्रांसिस्को। व्हाट्सएप जैसे प्रमुख टेलीकॉम प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में, मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने व्हाट्सएप की एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन तकनीक और उससे जुड़ी सुरक्षा फीचर्स पर महत्वपूर्ण बयान दिया। जुकरबर्ग ने स्पष्ट किया कि व्हाट्सएप की एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन तकनीक यह सुनिश्चित करती है कि भेजे गए और प्राप्त संदेश केवल संबंधित प्रेषक और प्राप्तकर्ता के बीच ही सुरक्षित रहते हैं, और किसी तीसरी पार्टी को इन संदेशों का एक्सेस नहीं हो सकता।
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि भौतिक सुरक्षा की चुनौती अभी भी बरकरार है। जुकरबर्ग ने कहा कि एक मजबूत पासवर्ड, पिन, या बायोमेट्रिक लॉक से आपके अकाउंट की सुरक्षा करना जरूरी है, क्योंकि डिजिटल सुरक्षा अकेले पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, व्हाट्सएप के प्राइवेट फीचर्स का बेहतर उपयोग भी महत्वपूर्ण है, ताकि उपयोगकर्ता अपनी गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
मार्क जुकरबर्ग ने यह भी उल्लेख किया कि अगर कोई आतंकवादी संगठन व्हाट्सएप के संदेशों तक पहुंच बना लेता है, तो वो सेव डेटा और संदेशों को जोड़ सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई सरकारी एजेंसी जैसे एफबीआई किसी व्यक्ति का फोन अपने कब्जे में लेती है, तो वह उस फोन में मौजूद डेटा तक पहुंच बना सकती है। जुकरबर्ग ने कहा कि व्हाट्सएप के लिए डिजिटल सुरक्षा का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण पहलू कंपनी की फाइल सुरक्षा है।
जुकरबर्ग ने यह भी जोर दिया कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से प्लेटफॉर्म की सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है, लेकिन डिजिटल गोपनीयता की जिम्मेदारी हर व्यक्ति की है। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप में ‘डिसएपियरिंग मैसेज’ और ‘चिप को चिप करना’ जैसे फीचर्स उपयोगकर्ताओं को गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए दिए जाते हैं, लेकिन यदि उपयोगकर्ता इन फीचर्स का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो इसका लाभ नहीं मिलेगा।
यह बयान डिजिटल गोपनीयता और सुरक्षा के प्रति जुकरबर्ग की प्रतिबद्धता को उजागर करता है और यह उपयोगकर्ताओं को अपने डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करता है।