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चीन में मनाया जाता है फसल की कटाई का ऐतिहासिक त्योहार ‘मूनकेक पर्व’

चीन में हजारों वर्षों से मनाया जा रहा मूनकेक पर्व, जिसे चीनी भाषा में ‘जूंचियो’ कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सव है। यह त्योहार चंद्र कैलेंडर के आठवें महीने की पंद्रहवीं रात को मनाया जाता है, जब पूर्णिमा का चाँद अपनी पूरी भव्यता के साथ आकाश में चमकता है।

मूनकेक पर्व की परंपरा लगभग 3000 वर्षों पुरानी है और इसका उद्गम शैंग राजवंश के काल से माना जाता है, जो 1600-1046 ईसा पूर्व के बीच शासित था। इस समय के दौरान यह त्योहार फसल की कटाई के अवसर पर कृषि प्रधान समाज के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होता था।

इस साल यह पर्व 17 सितंबर को मनाया जाएगा, जो फसल की कटाई के उल्लास का प्रतीक है। चीन में चंद्रमा को देवीय शक्ति के रूप में पूजा जाता है और इसे मानव कायाकल्प का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि चंद्रमा और पानी मानव जीवन को पुनरुद्धार प्रदान करते हैं, और चंद्रमा की पूजा से शरीर हमेशा युवा रहता है।

मूनकेक, जो इस त्योहार का मुख्य आकर्षण है, गोल आकार का होता है और चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है। इसे मीठे भरावन, अंडे की जर्दी, मीट, और गुलाब के बीजों से तैयार किया जाता है। मूनकेक न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह परिवार और दोस्तों के बीच एकता और स्नेह को भी दर्शाता है।

त्योहार के दौरान लोग लालटेन लेकर रोशनी करते हैं, जो सुख-समृद्धि और उज्जवल भविष्य की कामना का प्रतीक है। लोग चंद्रमा को देखकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।

मूनकेक पर्व चीन और अन्य एशियाई देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, और यह पारंपरिक मूल्यों को जीवित रखते हुए परिवार और समुदाय के बंधन को मजबूत बनाता है। मूनकेक विभिन्न स्वादों में उपलब्ध होते हैं, जैसे लाल बीन्स, लोटस सीड पेस्ट, और चॉकलेट, और रंग-बिरंगी लालटेनें इस त्योहार की सुंदरता को बढ़ाती हैं।

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