ईरान-अमेरिका परमाणु समझौते पर नई पहल: आज से सीधी वार्ता शुरू, मध्य पूर्व में शांति के लिए अहम मोड़

America . मध्य पूर्व में लंबे समय से जारी अस्थिरता और राजनीतिक संघर्ष के बीच एक नई उम्मीद की किरण जगी है। करीब एक दशक के अंतराल के बाद, ईरान और अमेरिका के बीच आज से प्रत्यक्ष परमाणु वार्ता शुरू हो रही है। यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिहाज से एक ऐतिहासिक पल माना जा रहा है, क्योंकि यह बातचीत न केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर है, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम हो सकती है।

यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब क्षेत्र में पहले से ही तनाव और सैन्य गतिविधियों का माहौल बना हुआ है। खास बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक सख्त बयान देते हुए कहा है कि यदि यह वार्ता असफल होती है, तो अमेरिका ईरान पर सैन्य हमला, यहां तक कि बमबारी का आदेश देने से भी पीछे नहीं हटेगा। ट्रंप का यह रुख इस वार्ता को और अधिक गंभीर और निर्णायक बना देता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह नया परमाणु समझौता सफल होता है, तो इससे न केवल अमेरिका और ईरान के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार होगा, बल्कि इससे पूरा मध्य पूर्व क्षेत्र भी स्थायित्व और शांति की दिशा में बढ़ सकेगा। वहीं दूसरी ओर, यदि वार्ता विफल होती है, तो इससे युद्ध की आशंका, तेल की कीमतों में उछाल, और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव जैसे गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

अब देखना यह होगा कि दोनों देश राजनीतिक इच्छाशक्ति और लचीलेपन के साथ एक समझौते तक पहुंचते हैं या फिर यह कोशिश एक और बर्बादी की शुरुआत बनकर रह जाएगी।

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