**कराकास:** वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने तीसरी बार राष्ट्रपति पद की जीत हासिल की है, लेकिन उनके चुनावी परिणामों पर विवाद छिड़ गया है। चुनाव परिणामों के अनुसार, मादुरो को 51 फीसदी वोट मिले, जबकि विपक्षी उम्मीदवार एडमंडो गोंजालेज को 44 फीसदी वोट प्राप्त हुए।
विपक्ष ने चुनाव परिणामों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अधिकांश एग्जिट पोल में गोंजालेज की जीत का अनुमान लगाया गया था, और विपक्ष का दावा है कि गोंजालेज को 70 फीसदी से अधिक वोट मिले थे। विपक्षी नेता मारिया कोरिनो मचाडो ने सोशल मीडिया के माध्यम से सेना से सही पक्ष के साथ खड़े होने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि मारिया कोरिनो मचाडो को सैन्य ठिकानों पर हमले की साजिश के आरोप में चुनाव लड़ने से रोका गया था। गोंजालेज का कहना है कि चुनाव परिणामों को छिपाया नहीं जा सकता और देश ने शांतिपूर्वक बदलाव का विकल्प चुना है।
ब्रिटेन ने भी मादुरो की जीत पर सवाल उठाते हुए चुनावी प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है और चुनाव परिणामों की विस्तृत जानकारी की मांग की है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने वेनेजुएला के लोगों के साथ खड़े होने की बात की है।
निकोलस मादुरो 2013 से राष्ट्रपति पद पर काबिज हैं और उनकी सत्ता में आने के बाद से वेनेजुएला गंभीर राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। अनुमान के अनुसार, पिछले दस वर्षों में 78 लाख से अधिक लोग वेनेजुएला छोड़ चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, वेनेजुएला की 82 फीसदी आबादी गरीबी का सामना कर रही है।