ढाका । विदेशी मीडिया में इसतरह की खबरें हैं कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता केवल एक द्वीप के कारण चली गई। इस द्वीप का नाम सेंट मार्टिन है। यह बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक छोटा सा द्वीप है। इसका कुल एरिया महज तीन वर्ग किमी है। क्योंकि यह देश में तख्ता-पलट का कारण बना, इसकारण चर्चा में है। दरअसल बांग्लादेश में काफी बड़ी संख्या में द्वीप मौजूद हैं। इनकी संख्या 700 से 1000 के करीब होगी। इसमें बसे हुए और निर्जन दोनों तरह के द्वीप शामिल हैं। उल्लेखनीय द्वीपों में भोला सबसे बड़ा और सेंट मार्टिन बांग्लादेश का एकमात्र मूंगा (कोरल) द्वीप है। बांग्लादेश में ज्यादातर द्वीप बंगाल की खाड़ी और पद्मा नदी के मुहाने पर स्थित हैं।
सेंट मार्टिन बंगाल की खाड़ी के उत्तर- पूर्वी भाग में स्थित एक छोटा सा द्वीप है। इसका कुल एरिया केवल तीन वर्ग किमी है। यह कॉक्स बाजार से लगभग 9 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। इस द्वीप को बांग्लादेश में नारिकेल जिंजिरा (नारियल द्वीप) या दारुचिनी द्वीप (दालचीनी द्वीप) के नाम से भी जाना जाता है। यह बांग्लादेश का एकमात्र मूंगा द्वीप है। यह द्वीप विशेष रूप से सर्दियों में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इस द्वीप पर रहने वाले लोग मुख्यतः मछली पकड़ने, चावल-नारियल की खेती और पर्यटन पर निर्भर हैं। यहां की कुल जनसंख्या करीब 5,000 है। इस द्वीप पर अधिकार को लेकर बांग्लादेश और म्यांमार के बीच विवाद था। लेकिन 2012 में अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में द्वीप पर बांग्लादेश का अधिकार मना।
इस तरह एक और महत्वपूर्ण द्वीप हटिया है। बंगाल की खाड़ी में स्थित यह द्वीप भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर है। हटिया द्वीप अपनी कृषि उत्पादकता के लिए जाना जाता है, जो नोआखली जिले का हिस्सा है। हटिया अपने मछली पकड़ने के उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है।
सैंडविप द्वीप चटगांव के पास मौजूद है। यह मछली पकड़ने और कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। ये द्वीप न केवल पर्यटन, मछली पकड़ने और कृषि के माध्यम से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में योगदान देता है, बल्कि क्षेत्र में पारिस्थितिक और भू-राजनीतिक महत्व भी रखता है। बांग्लादेश में 26 से अधिक द्वीपों को मान्यता मिली हुई है और वे सूचीबद्ध हैं। लेकिन बहुत से छोटे द्वीप हैं, जिन्हें चार कहा जाता है। ये डेल्टा क्षेत्र में तलछट जमा होने के कारण बनते और बिगड़ते रहते हैं।
बांग्लादेश में जो बड़ी संख्या में द्वीप मौजूद हैं, उन्हें ‘चार’ कहा जाता है। लेकिन इनकी संख्या कितनी है, यह सटीक ढंग से नहीं कहा जा सकता है। चार’ शब्द का प्रयोग उन तलछट द्वीपों के लिए किया जाता है, जो हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदियों के किनारे विकसित होते हैं। इन ‘चार’ को बाढ़, कटाव और भूमि के नुकसान के प्रति अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। चार’ लगातार बनते बिगड़ते रहते हैं। जिससे खेती के लिए नए क्षेत्र बनते रहते हैं।