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अवैध अप्रवासियों की जांच को लेकर सिख समुदाय का विरोध, गुरुद्वारों में पुलिस कार्रवाई पर सवाल

न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के गुरुद्वारों में अवैध अप्रवासियों की जांच।
सिख समुदाय ने इसे धार्मिक स्थलों की पवित्रता पर हमला बताया।
SALDEF ने धार्मिक स्थलों को “संवेदनशील क्षेत्र” मानने की पुरानी नीति को बहाल करने की मांग की।
DHS का कहना है कि यह कार्रवाई केवल अपराधियों की पहचान के लिए है।

वाशिंगटन। अमेरिका में अवैध अप्रवासियों की जांच के लिए न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के गुरुद्वारों का दौरा करने वाले गृह मंत्रालय (DHS) के सुरक्षा अधिकारियों के खिलाफ सिख समुदाय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सिख संगठनों ने इसे धार्मिक आस्था और पवित्रता पर खतरा बताया है।

क्या है मामला?

अमेरिकी गृह मंत्रालय ने अवैध अप्रवासियों की पहचान और कार्रवाई के लिए न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के कुछ गुरुद्वारों को निशाना बनाया। आरोप है कि कुछ अप्रवासी, जो वैध दस्तावेज के बिना रह रहे हैं, इन गुरुद्वारों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सिख समुदाय की प्रतिक्रिया

सिख समुदाय ने इसे उनके धार्मिक स्थलों की पवित्रता का उल्लंघन बताया है। सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDEF) ने इस कार्रवाई को “संवेदनशील क्षेत्रों” में अनावश्यक हस्तक्षेप करार दिया और धार्मिक स्थलों को सुरक्षित रखने की अपील की।

गृह मंत्रालय का पक्ष

गृह मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री बेंजामिन हफमैन ने कहा कि यह कार्रवाई अमेरिका के इमीग्रेशन कानून को सख्ती से लागू करने और अपराधियों की पहचान के लिए की जा रही है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “संवेदनशील क्षेत्रों,” जैसे पूजा स्थलों, में कानून लागू करने के निर्देश केवल आपराधिक मामलों में दिए गए हैं।

नीति में बदलाव और गुरुद्वारों का दौरा

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सीबीपी (CBP) और आईसीई (ICE) के अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि अवैध अप्रवासियों की जांच के लिए रणनीतिक कदम उठाए जाएं।
हालांकि, SALDEF ने आरोप लगाया है कि इन निर्देशों के कुछ ही दिनों बाद न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के गुरुद्वारों में अधिकारियों ने दौरा किया, जिससे समुदाय में भय का माहौल है।

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