मॉस्को। सीरिया में 13 साल के गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा। रूस ने बशर अल-असद और उनके परिवार को राजनीतिक शरण दी है। इस पर रूस के राजदूत मिखाइल उल्यानोव ने अमेरिका पर तंज कसते हुए कहा, “हम अपने दोस्तों को मुश्किल वक्त में अकेला नहीं छोड़ते, यही रूस और अमेरिका में फर्क है।”
सीरिया में पिछले 11 दिनों से विद्रोही गुटों और सेना के बीच तीव्र संघर्ष चल रहा था। विद्रोहियों ने रविवार को राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया और सड़कों पर जीत का जश्न मनाया। राष्ट्रपति भवन में लूटपाट के दौरान महंगे सामान और गाड़ियां भी लूटी गईं।
सीरिया में कैसे बदला सत्ता का समीकरण
2011 में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के खिलाफ असद सरकार की क्रूर कार्रवाई के बाद शुरू हुआ यह संघर्ष धीरे-धीरे गृहयुद्ध में बदल गया। इस दौरान कई विद्रोही गुट असद सरकार के खिलाफ खड़े हुए। अंततः, दमिश्क पर कब्जे के साथ विद्रोहियों ने असद सरकार को सत्ता से हटा दिया, जिससे सीरियाई जनता को एक नई शुरुआत का अवसर मिला।
रूस की भूमिका और अमेरिका पर टिप्पणी
रूस ने मानवीय आधार पर असद और उनके परिवार को मॉस्को में शरण दी है। रूस के राजदूत ने कहा कि यह दर्शाता है कि रूस अपने दोस्तों को संकट के समय अकेला नहीं छोड़ता, जबकि अमेरिका अक्सर अपने सहयोगियों का साथ छोड़ देता है।
सीरिया का भविष्य
सीरिया में तख्तापलट और विद्रोही गुटों की जीत ने देश को नई दिशा देने का अवसर दिया है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि विद्रोही गुट कैसे सत्ता का प्रबंधन करेंगे और देश में स्थिरता ला पाएंगे।