मास्को*: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच एक बड़ी राहत की खबर आई है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सफल मध्यस्थता के चलते दोनों देशों ने 206 युद्धबंदियों की अदला-बदली की है। इस समझौते के तहत रूस ने 103 यूक्रेनी सैनिकों को रिहा किया, जबकि यूक्रेन ने भी 103 रूसी सैनिकों को छोड़ा है। यह युद्ध के दौरान अब तक की एक महत्वपूर्ण डील मानी जा रही है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि यूक्रेनी सेना द्वारा बंदी बनाए गए 103 रूसी सैनिकों को कुर्स्क क्षेत्र में छोड़ दिया गया है। इसके बदले में रूस ने भी 103 यूक्रेनी सैनिकों को रिहा कर उनकी सीमा में सुरक्षित पहुंचा दिया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अधिकांश यूक्रेनी बंदियों को रूस में हिरासत के दौरान दुर्व्यवहार और यातनाओं का सामना करना पड़ा, वहीं रूसी बंदियों के साथ भी यूक्रेन में इसी तरह की प्रताड़ना की खबरें सामने आई हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर वापस लौटे सैनिकों की तस्वीरें साझा कीं, जिनमें सैनिक यूक्रेनी झंडे में लिपटे हुए एक-दूसरे से गले मिलते नजर आ रहे हैं। ज़ेलेंस्की ने लिखा, “हमारे 103 योद्धा अपने घर लौट आए हैं। मैं इस सफलता के लिए हमारी एक्सचेंज टीम का आभार व्यक्त करता हूं।”
इस अदला-बदली में यूएई की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण रही है। यह 2024 की शुरुआत के बाद से यूएई की आठवीं सफल मध्यस्थता है। यूक्रेन के लोकपाल दिमित्रो लुबिनेट्स ने बताया कि अब तक कुल 57 बार युद्धबंदियों की अदला-बदली हुई है, जिसमें 3,672 यूक्रेनी सैनिकों को वापस लाया गया और इतने ही रूसी सैनिकों को रिहा किया गया है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि दो सप्ताह पहले यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क क्षेत्र में अचानक हमला किया था, जिसमें 115 रूसी सैनिकों को बंदी बना लिया गया था। फिलहाल रिहा किए गए सैनिक बेलारूस में हैं और उनकी देखभाल की जा रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दुनियाभर में चिंता का माहौल है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोनों देशों की यात्रा कर शांति की अपील की थी। पीएम मोदी इस महीने अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं और अगले महीने रूस की यात्रा करेंगे, जहां शांति प्रक्रिया को लेकर अहम बातचीत हो सकती है।
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