अंतरिक्ष जानकारों ने नासा को दी सलाह कहा- सुनीता विलियम्स की वापसी के लिए चलाएं रेस्क्यू

वाशिंगटन । एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर फंस गए हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्री बीते महीने 5 जून को अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे। अंतरिक्ष में उनका मिशन केवल एक सप्ताह के लिए ही था, लेकिन एक महीने से भी ज्यादा समय बीत चुका है और अभी तक उनकी वापसी के बारे में कोई अपडेट नहीं है। सुनीता की वापसी को लेकर अंतरिक्ष के जानकारों ने नासा को सुझाव दिया है कि नासा को रेस्क्यू चलाना चाहिए। बता दें कि बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर में खराबी के बाद इसका धरती पर वापसी का मिशन रोक दिया गया है।
नासा के इंजीनियर स्टारलाइनर की समस्या को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं, इस दौरान दोनों एस्ट्रोनॉट स्पेस स्टेशन पर दूसरे यात्रियों के साथ रहना पड़ रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर वापसी कब होगी और क्या नासा को इसके लिए रेस्क्यू मिशन शुरू करने की जरूरत है।
इन सवालों का जवाब अंतरिक्ष प्रणालियों और मिशनों के विशेषज्ञ पैट्रिक विनिंग ने दिया है। पैट्रिक जॉन्स हॉपकिंस एप्लाइड फिजिक्स लैब में नेशनल सिक्योरिटी स्पेस के लिए मिशन एरिया एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के लिए रेस्क्यू अभियान की बात करना अनावश्यक है। इसकी वजह बताते हुए वे कहते हैं कि पहले तो यह समझना होगा कि स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर आईएसएस पर पहुंचे अंतरिक्ष यात्री फंसे नहीं है। न ही आईएसएस पर पहले से मौजूद सात दूसरे अंतरिक्ष यात्री ही फंसे हुए हैं।यहां हमें याद रखने की जरूरत है कि अंतरिक्ष में जाना कठिन है। वहीं, मानव अंतरिक्ष उड़ान तो और भी कठिन है। स्टारलाइनर के डिजाइन में कई बैकअप सिस्टम हैं, जिसने आईएसएस पर इसके पहुंचने को सफल बनाया, लेकिन बैकअप सिस्टम के साथ भी अप्रत्याशित स्थितियों को समझना महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि नासा अधिक डेटा एकत्र कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि रेस्क्यू मिशन आम तौर पर सेना चलाती है, जैसे कि अगर कोई स्पेसक्रॉफ्ट लॉन्च के समय समुद्र में गिर जाए।

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