*इस्लामाबाद*: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जो इस समय जेल में बंद हैं, लगातार चुनावी धांधली के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि 8 फरवरी को हुए आम चुनाव में जमकर धांधली की गई थी। इमरान ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) पर जनादेश चुराने का आरोप लगाया था।
हाल ही में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी धांधली के मामले में शहबाज शरीफ सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के कार्यों पर असंतोष जताते हुए, सुरक्षित सीटों के संबंध में इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), के पक्ष में फैसला दिया।
**सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी**
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के कामकाज की कड़ी निंदा की और कहा कि आयोग के फैसलों पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। अगर सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश का पालन किया गया, तो पीटीआई पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, जिससे सत्तारूढ़ शहबाज शरीफ सरकार के लिए यह फैसला एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
**सरकार के लिए बड़ा झटका**
यह फैसला पीएमएल-एन के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ गया है, जिससे पीटीआई अब संसद के दोनों सदनों में सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। पीएमएल-एन और पीपीपी ने चुनाव के बाद गठबंधन बनाकर शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाया था।
**इमरान खान के खिलाफ मामले**
71 वर्षीय इमरान खान इस वक्त 200 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से कई में उन्हें दोषी ठहराया गया है। फिलहाल, उन्हें रावलपिंडी की आदियाला जेल में रखा गया है। चुनाव में, इमरान खान की पीटीआई ने 92 सीटें जीती थीं, जबकि पीएमएल-एन और पीपीपी व्यक्तिगत रूप से कम सीटें हासिल कर सकी थीं। गठबंधन के तहत पीएमएल-एन को प्रधानमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री का पद मिला, जबकि पीपीपी को राष्ट्रपति और सिंध प्रांत का मुख्यमंत्री पद प्राप्त हुआ था।