ओटावा । कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दिवाली के अवसर पर हिंदू कनाडाई समुदाय को शुभकामनाएं देते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। यह बयान भारत-कनाडा संबंधों में खालिस्तानी समर्थकों के प्रभाव और हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आया है।
ट्रूडो ने दिवाली के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “दिवाली बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। इस अवसर पर परिवार और समुदाय मिलकर प्रार्थना करते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और दीयों से घरों को सजाते हैं। इस उत्सव का उद्देश्य अंधकार पर विजय और जीवन में आशा का संचार करना है।”
उन्होंने कनाडा में इंडो-कनाडाई समुदाय के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह समुदाय कला, व्यवसाय, चिकित्सा, शिक्षा और उद्यमिता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय है। “कनाडा में दिवाली का त्यौहार हमारे इंडो-कनाडाई समुदाय के बिना अधूरा है,” ट्रूडो ने कहा, “हम उनकी कोशिशों से लाई गई रोशनी का भी जश्न मना रहे हैं।”
ट्रूडो ने विशेष रूप से हिंदू कनाडाई समुदाय को आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता का संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हिंदू कनाडाई नागरिक अपनी परंपराओं को गर्व और स्वतंत्रता के साथ मना सकें, इसके लिए सरकार उनके साथ खड़ी है। साथ ही, उन्होंने घोषणा की कि नवंबर में कनाडा में हिंदू विरासत माह मनाया जाएगा, जिसमें वह समुदाय के साथ इस जश्न में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री ने दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “रोशनी का यह त्यौहार सभी के जीवन में खुशी और समृद्धि लेकर आए।” ट्रूडो का यह संदेश केवल दिवाली की बधाई नहीं है, बल्कि कनाडा में बसे हिंदू समुदाय के प्रति सुरक्षा और समर्थन का आश्वासन भी है। देखते हैं कि उनका यह आश्वासन भारत-कनाडा के मौजूदा विवादों में सकारात्मक बदलाव लाने में कितनी भूमिका निभाता है।