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संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव-1701 बेअसर: न इजरायल मान रहा, न हिजबुल्लाह ने रोकी गतिविधियां

वाशिंगटन। इजरायल और लेबनान के बीच जारी संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव-1701 अप्रभावी साबित हो रहा है। इस प्रस्ताव के तहत संघर्ष विराम लागू करने और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने की कोशिशें की गई थीं, लेकिन मौजूदा हालात में इजरायल और हिजबुल्लाह, दोनों ही पक्ष इसका पालन नहीं कर रहे हैं।

इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष में फंसा एनएफआईएल

लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना एनएफआईएल (United Nations Interim Force in Lebanon) ने बताया कि इजरायली सैनिक उनकी चौकियों को लगातार निशाना बना रहे हैं। वहीं, इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) का दावा है कि हिजबुल्लाह के ठिकाने एनएफआईएल की चौकियों के आसपास स्थित हैं और वहीं से हिजबुल्लाह इजरायल पर रॉकेट और मिसाइल दाग रहा है।

इजरायल ने जब हाल ही में लेबनान पर ग्राउंड अटैक शुरू किया, तब उसने एनएफआईएल से पीछे हटने की अपील की थी। हालांकि, शांति सेना ने इस अपील को अनसुना करते हुए अपनी तैनाती जारी रखी। इजरायल और लेबनान के बीच के विवादित क्षेत्र को “ब्लू लाइन” कहा जाता है, जिसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर है। यह क्षेत्र बफर जोन के रूप में काम करता है, जहां शांति बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र की फोर्स तैनात है।

भारतीय सैनिकों की भी तैनाती

एनएफआईएल में दुनिया के 50 से अधिक देशों के 10,000 से ज्यादा सैनिक तैनात हैं, जिनमें भारत के लगभग 900 सैनिक भी शामिल हैं। एनएफआईएल की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी लेबनान के राम्याह क्षेत्र में स्थित एक यूएन चौकी पर इजरायली सेना ने हमला किया। सुबह 4:30 बजे, इजरायली सेना के दो मर्कवा टैंक चौकी का गेट तोड़कर अंदर घुसे और लाइट बंद करने का आदेश दिया।

इजरायल का दावा: हमारा निशाना हिजबुल्लाह के ठिकाने

इजरायली सेना का कहना है कि उसका हमला एनएफआईएल पर नहीं बल्कि हिजबुल्लाह के ठिकानों पर केंद्रित है। आईडीएफ के अनुसार, एनएफआईएल की चौकियों के पास से हिजबुल्लाह ने पिछले कुछ महीनों में करीब 25 रॉकेट और मिसाइलें दागी हैं, जिनमें दो इजरायली सैनिकों की मौत भी हुई है।

प्रस्ताव-1701 की विफलता पर सवाल

इजरायली सेना का आरोप है कि लेबनान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूएन के प्रस्ताव-1701 को लागू करने में असफल रहे हैं। आईडीएफ का कहना है कि हिजबुल्लाह लंबे समय से दक्षिणी लेबनान में सक्रिय है और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन करता आ रहा है।

क्या है प्रस्ताव-1701?

2006 के इजरायल-लेबनान युद्ध को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव-1701 पारित किया था। इस प्रस्ताव के तहत:

इजरायली सेना को लेबनान से वापस बुलाने का निर्देश दिया गया था।

दक्षिणी लेबनान से हिजबुल्लाह को अशस्त्र (डिसआर्म) करने की बात शामिल थी।

एनएफआईएल के तहत शांति सेना की तैनाती का प्रावधान किया गया ताकि भविष्य में संघर्ष न हो।


निष्कर्ष

संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव-1701 जमीनी स्तर पर अमल में नहीं आ पा रहा है। इजरायल और हिजबुल्लाह दोनों ही इसे नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र में संघर्ष बढ़ता जा रहा है। ऐसे में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस प्रस्ताव को प्रभावी तरीके से लागू कराना है।

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