उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंस ‘दाढ़ी बाधा’ को तोड़ने में रहे कामयाब

-91 सालों बाद कोई दाडी वाला शख्स बनेगा राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति
वॉशिंगटन । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दाढ़ी रखने वालों को सख्त नापसंद करते हैं, यह बात सभी जानते हैं। डोनाल्ड ट्रंप की दाढ़ी-मूंछ रखने वालों के प्रति उनकी नापसंदगी इतनी ज्यादा है कि 2016 में राष्ट्रपति बनने के बाद अपने प्रशासननिक अमले का चयन करते समय उन्होंने एक शख्स को निगेटिव माना था, क्योंकि वह दाढ़ी रखते थे।
उनकी नापसंदगी इस हद तक है कि जब सीनेटर जेडी वेंस (आर-ओहियो) को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने की सूचना मिली, तो पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि क्या उनको दाढ़ी रखने वाले इस तेजतर्रार सीनेटर से कोई दिक्कत नहीं है। जब रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को वेंस को अपने साथी के रूप में घोषित किया, तो यह सिर्फ उनके लिए एक बड़ा कदम नहीं था। यह अमेरिका के लिए भी एक बड़ा कदम था, जहां दशकों से दाढ़ी-मूंछ रखने वाला कोई उपराष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं था। आखिरी व्यक्ति मूंछों वाले चार्ल्स कर्टिस थे, जो 1932 में हर्बर्ट हूवर के साथ रिपब्लिकन टिकट पर उपराष्ट्रपति बने थे। रिपब्लिकन पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस इस ‘दाढ़ी बाधा’ को तोड़ने में भी कामयाब रहे। दूसरे शब्दों में कहें तो वह देश में सर्वोच्च पद के लिए केवल साफ-सुथरे चेहरे वाले राजनेताओं के लंबे समय से चले आ रहे मानदंड को तोड़ने में कामयाब रहे। ट्रंप ने एक रेडियो को बताया कि उन्हें लगता है कि उनका साथी दाढ़ी के साथ अच्छा दिखता है, “एक युवा अब्राहम लिंकन की तरह।” यानी वेंस की उम्मीदवारी दाढ़ी वाले राजनेताओं की एक सदी पुरानी परंपरा की वापसी का संकेत है।
फेशियल हेयर निश्चित रूप से ओवल ऑफिस के लिए कोई नई बात नहीं हैं। हालांकि इसे लंबे समय से गैर-पेशेवर और बेतरतीब माना जाता रहा है। लेकिन निश्चित रूप से पिछले लगभग 15 वर्षों में, उस तरह के अधिक कठोर, अधिक मर्दाना दिखने वाले चेहरों की वापसी हुई है। जॉर्ज वॉशिंगटन के युग में बालों वाले चेहरों की निंदा की जाती थी। गृहयुद्ध के साथ-साथ घनी दाढ़ी रखने का चलन भी शुरू हो गया – जो 20वीं सदी की शुरुआत में खत्म होने लगा। कांग्रेस की लाइब्रेरी के रिकॉर्ड के साथ-साथ राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के चित्रों पर एक नजर डालने से, सौंदर्य के बदलते रुझान का पता चलता है। चेहरे पर बाल रखने वाले पहले राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन थे। लिंकन के बाद, अगले 11 राष्ट्रपतियों में से नौ ने किसी न किसी प्रकार की दाढ़ी या मूंछे रखी। यह सिलसिला जो विलियम हॉवर्ड टैफ्ट के साथ समाप्त हुआ, जो 1909 से 1913 तक राष्ट्रपति थे।उपराष्ट्रपतियों ने भी कुछ हद तक इसका अनुसरण किया।
चेहरे पर बाल रखने वाले पहले व्यक्ति शूयलर कोलफैक्स थे। कोलफैक्स 1869 से 1873 तक 17वें उपराष्ट्रपति रहे। अगले 14 चुनावों में चेहरे पर बाल वाले सात पुरुष उपराष्ट्रपति बने। उसके बाद से उपराष्ट्रपति पद के किसी भी उम्मीदवार के चेहरे पर बाल नहीं थे। केवल राष्ट्रपति पद के दो उम्मीदवारों के चेहरे पर बाल थे:1916 में चार्ल्स इवांस ह्यूजेस और 1944 और 1948 में थॉमस ई डेवी। लेकिन दोनों रिपब्लिकन चुनाव हार गए।हेयर कटिंग के एक्सपर्ट कॉनराड ने कहा कि वेंस की दाढ़ी इस बात को रेखांकित करती है कि लोग चेहरे के बालों के पक्ष में कैसे वापस आ गये हैं। उन्होंने कहा कि आज एक अच्छी तरह से रखी गई दाढ़ी आत्मविश्वास बढ़ाने का काम कर सकती है। भले ही पहले दाढ़ी रखने वालों को हिप्पी या युप्पी के रूप में देखा जाता था या फूहड़ लोगों के लिए देखा जाता था। कॉनराड की नजरों में वेंस की दाढ़ी उन्हें मेच्योर बनाती है।
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जब 2016 में प्रसिद्धि की सीढ़ियां चढ़ रहे थे तब उनका चेहरा सौम्य था और उनकी शक्ल बचकानी लगती थी। 2022 में सीनेट का चुनाव लड़ते समय तक वह पूरी दाढ़ी रखने लगे थे। यानी वह सालों से दाढ़ी रख रहे हैं। यानी दाढ़ी लंबे समय से लोगों के आकर्षण का केंद्र रही है। लोग डोनाल्ड ट्रंप के भरोसेमंद सहयोगियों में से एक वेंस को परिवर्तन के संकेत के रूप में देख रहे हैं। यहां तक कि वेंस के लॉ स्कूल के एक दोस्त ने कहा कि उनका नया लुक ज्यादा ध्यान आकर्षित करता है। दोस्त ने कहा, “वह अलग दिखते हैं।” बता दें कि कपड़ों और सजने संवरने में अपनी नफासत को लेकर सजग डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार अपने बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर से कहा था कि वह अपनी दाढ़ी को त्याग दें।

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