वायरल वीडियो : हिन्दुत्व से उत्पन्न हुए क्रिश्चियन और यहूदी धर्म: ब्राह्मण से अब्राहम और सरस्वती से सराह का जन्म

हिन्दुत्व के प्रभाव से क्रिश्चियन और यहूदी धर्म का जन्म हुआ। प्रारंभ में, अब्राहम का कोई अस्तित्व नहीं था और वे ब्राह्मण से बने। इसी प्रकार, सरस्वती से सराह का जन्म हुआ। इस तरह, हिन्दुत्व की धार्मिक और सांस्कृतिक धारा ने इन प्रमुख धर्मों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

**धर्मों की प्राचीन परंपराएँ: हिंदुत्व से जुड़ी 15 प्राचीन धर्म**

प्राचीन काल में लोग जंगली जीवन जीते थे और धर्म के नाम पर हजारों विभिन्न धार्मिक परंपराएँ थीं। ये परंपराएँ प्रकृति, पूर्वजों और काल्पनिक देवताओं की पूजा पर आधारित थीं। हर कबीले और समुदाय का अपना देवता था, लेकिन जैसे-जैसे मानव सभ्यता विकसित हुई, धर्म के नियम और मान्यताएँ भी बदलने लगीं।

1. **हिंदू धर्म**: वैदिक धर्म का आरंभ लगभग 20,000 ईसा पूर्व हुआ। पुराणों की रचना के बाद, वैदिक धर्म से पुराणिक धर्म का उदय हुआ, जिसमें वैदिक परंपराएँ और रीति-रिवाज शामिल हो गए।

2. **जैन धर्म**: यह भी एक प्राचीन धर्म है, जिसकी जड़ें रामायण और महाभारत काल में हैं। 24 तीर्थंकरों की परंपरा के साथ यह भारतीय धर्मों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

3. **यजीदी धर्म**: यह अरब में 6,763 वर्ष पुरानी परंपरा है और इसे हिंदू धर्म की एक शाखा माना जाता है।

4. **यहूदी धर्म**: इस धर्म की स्थापना प्रॉफेट अब्राहम द्वारा 2000 ईसा पूर्व में हुई। प्रॉफेट मूसा के समय में इसे एक नई शक्ल मिली, जो आज यहूदी धर्म के रूप में जाना जाता है।

5. **पेगन धर्म**: यह धर्म जर्मन, रोम, अरब, और अन्य क्षेत्रों में प्रचलित था। इस्लाम के आगमन के साथ इसका अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया।

6. **जरथुस्त्र (पारसी) धर्म**: यह धर्म प्रॉफेट जरथुस्त्र द्वारा फारस (वर्तमान ईरान) में स्थापित किया गया था। यह प्राचीन ईरान का राजधर्म था।

7. **वूडू धर्म**: अफ्रीका और कैरिबीयन द्वीपसमूह में प्रचलित यह धर्म लगभग 6,000 वर्ष पुराना है और अब पश्चिम अफ्रीका के कुछ हिस्सों में ही सिमटकर रह गया है।

8. **बौद्ध धर्म**: भगवान बुद्ध द्वारा स्थापित यह धर्म भारत में प्राचीन काल से प्रचलित है। बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व हुआ और उन्होंने 528 ईसा पूर्व सत्य की प्राप्ति की।

9. **कन्फ्यूशियस धर्म**: चीन के दार्शनिक कन्फ्यूशियस द्वारा स्थापित इस धर्म की चीन में संख्या काफी सीमित थी।
**शिंटो धर्म**: जापान का प्राचीन धार्मिक परंपरा, शिंटो, ईसा पूर्व 3री सदी से लेकर ईसा बाद 8वीं सदी तक प्रचलित रहा। इस धर्म की कई मान्यताएँ बौद्ध धर्म से प्रभावित थीं, लेकिन शिंटो ने अपनी विशेष पहचान बनाए रखी। इसके अनुसार, जापान के राजपरिवार की उत्पत्ति सूर्य देवी ‘अमातेरासु ओमिकामी’ से हुई है। शिंटो धर्म की मान्यता है कि देवी शक्ति नदियों, पहाड़ों, चट्टानों, वृक्षों, सूर्य और चंद्रमा में वास करती है।

**ताओ धर्म**: ताओ धर्म की शुरुआत ईसा की दूसरी शताब्दी में हुई थी। इसमें प्राकृतिक आराधना की जाती है और यह धर्म कई शाखाओं में विभाजित हो गया है। इसके प्रमुख संप्रदायों में आनचनताओ पंथ और चड यीताओ पंथ शामिल हैं।

**नॉर्डिक धर्म**: पूर्वी यूरोपीय देशों में प्रचलित नॉर्डिक धर्म के देवताओं में ओडिन और थोर शामिल हैं।

**ग्रीक धर्म**: यूनादी धर्म के रूप में जाना जाने वाला यह धर्म ग्रीस और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रचलित था। इसके प्रमुख देवता जियस, हरक्यूलिस और अपोलो थे।

**रोमन धर्म**: रोमन साम्राज्य के अंतर्गत प्रचलित यह धर्म आज के इटली, फ्रांस और जर्मनी में फैला था।

**रशियन धर्म**: 10वीं शताब्दी के अंत तक रूस में ईसाई धर्म का आगमन नहीं हुआ था। यहाँ के धर्म में अग्नि, सूर्य, पर्वत, वायु और पवित्र पेड़ों की पूजा होती थी। प्रमुख देवता विद्युत देवता पेरून थे। संधियों में पेरून की कसमें खाई जाती थीं और उनकी पूजा मुख्य रूप से की जाती थी। अन्य देवताओं में रोग और स्वारोग शामिल थे। सूर्य देवताओं के नाम होर्स, यारीला और दाझबोग थे। प्राचीन रूसी देवियों में बिरिगिन्या, दीवा, जीवा, लादा, मकोश और मरेना शामिल थीं। मरेना, जाड़ों और मृत्यु की देवी मानी जाती थी। रूस में आज भी प्राचीन देवी-देवताओं की लकड़ी या पत्थर की मूर्तियाँ मिलती हैं, जिनमें हिन्दू देवी-देवताओं से समानताएँ देखी जाती हैं।

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