इजराइल हमले के बाद ईरान के राष्ट्रपति की कतर यात्रा क्यों अहम?

दोहा: इजराइल पर हमले के तुरंत बाद, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कतर की राजधानी दोहा का दौरा किया, जहां उन्होंने हमास के नेताओं से मुलाकात की। यह यात्रा ऐसे समय पर हुई है जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। कतर में हमास के कई प्रमुख नेता शरण लिए हुए हैं, और राष्ट्रपति पेजेशकियान की इस मुलाकात को आगामी रणनीति के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इजराइल को चेतावनी:

राष्ट्रपति पेजेशकियान ने कतर में पहुंचकर इजराइल को कड़ी चेतावनी दी कि अगर उसने कोई और हमला करने की गलती की, तो ईरान की सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल की आक्रामकता का सामना करने के लिए ईरान हर मोर्चे पर तैयार है।

कतर यात्रा का उद्देश्य:

हालांकि आधिकारिक रूप से ईरान के राष्ट्रपति की यह यात्रा 19वें एशियन कोऑपरेशन डायलॉग समिट में हिस्सा लेने के लिए है, लेकिन इसे इजराइल के हालिया हमले से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, ईरान अपनी स्थिति मजबूत करने और क्षेत्रीय रणनीति बनाने के लिए कतर के समर्थन की उम्मीद कर रहा है, खासकर तब, जब हमास के कई नेता कतर में मौजूद हैं।

हमास के नेताओं से मुलाकात:

दोहा में राष्ट्रपति पेजेशकियान ने हमास के शरणार्थी नेताओं से मुलाकात की, जिसमें आने वाले दिनों के लिए एक रणनीतिक योजना पर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद ईरान और हमास मिलकर इजराइल के खिलाफ एक बड़ी रणनीति तैयार कर सकते हैं। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह भविष्य में मिडिल ईस्ट के भू-राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।

अमेरिका और कतर पर असर:

कतर में अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा सैन्य बेस अल-उदेद एयरबेस स्थित है, जहां हजारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। ईरान और कतर के अच्छे संबंधों के बावजूद, ईरान हमेशा इस बात को लेकर सतर्क रहता है कि अमेरिका इन सैनिकों का उपयोग करके उस पर हमला न कर दे। इस संदर्भ में, पेजेशकियान की कतर यात्रा को अमेरिका और कतर पर भी दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव:

इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने मिडिल ईस्ट समेत पूरे विश्व को चिंता में डाल दिया है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे ईरान से इस हमले का बदला लेंगे, जिससे क्षेत्र में एक बड़े संघर्ष की संभावना बढ़ गई है। कई विशेषज्ञ इसे तीसरे विश्व युद्ध की आहट के रूप में देख रहे हैं।

ईरान की कतर यात्रा के निहितार्थ:

ईरान की यह यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि ईरान कतर के साथ अपने संबंधों को और मजबूत कर इजराइल के खिलाफ एक बड़ा गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही, अमेरिका की उपस्थिति को देखते हुए यह देखना भी दिलचस्प होगा कि कतर इस स्थिति में क्या रुख अपनाता है।

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान की यह कतर यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक दौरा नहीं, बल्कि एक बड़ी रणनीतिक पहल के तौर पर देखी जा रही है। आने वाले समय में यह यात्रा मिडिल ईस्ट के राजनीतिक समीकरणों को किस तरह प्रभावित करेगी, यह देखना बेहद अहम होगा।

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