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याह्या सिनवार की हत्या के बाद क्या हमास का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा?

यरुशलम: इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष ने एक निर्णायक मोड़ ले लिया है। 7 अक्टूबर के हमले में हमास आतंकियों ने इजरायली सुरक्षा को ध्वस्त करते हुए 1,200 से अधिक लोगों की जान ली और 150 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बना लिया। इस हमले ने गाजा में अब तक की सबसे भीषण झड़पों में से एक को जन्म दिया और इजरायली रक्षा तंत्र की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए। इसके बाद से इजरायल ने हमास का अस्तित्व मिटाने का संकल्प लिया है और आतंकियों को चुन-चुनकर निशाना बना रहा है।

गुरुवार की शाम, इजरायली रक्षा बलों ने घोषणा की कि एक विशेष अभियान के तहत दक्षिणी गाजा के राफा में हमास प्रमुख याह्या सिनवार को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन में तीन अन्य आतंकी भी मारे गए। सिनवार की पहचान इजरायल ने जेल में लिए गए डीएनए सैंपल से की, जिससे उसकी मौत की पुष्टि की गई। सिनवार की मौत को हमास के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जो संगठन के अस्तित्व पर संकट ला सकती है।

हमास के अस्तित्व पर असर और भविष्य की रणनीति

याह्या सिनवार की हत्या हमास के लिए एक निर्णायक क्षति है। इजरायल लंबे समय से उसे 7 अक्टूबर के हमले का मास्टरमाइंड मानता रहा है और उसे “चालता-फिरता मरा हुआ आदमी” कहकर बुलाता था। माना जा रहा है कि हमले की योजना दिसंबर 2022 में बनाई गई थी, जब सिनवार ने गाजा में एक रैली के दौरान इजरायल पर असीमित रॉकेट हमले और सैनिकों की तैनाती की धमकी दी थी।

क्या शांति की राह खुल सकती है?

विशेषज्ञों का मानना है कि सिनवार की मौत से हमास पर दबाव बढ़ेगा और फिलिस्तीनी नेतृत्व के भीतर उथल-पुथल हो सकती है। वहीं, अमेरिकी अधिकारियों को उम्मीद है कि यह घटना इजरायल और हमास के बीच बंधकों के बदले युद्धविराम समझौते की संभावना को बढ़ा सकती है, जिससे संघर्ष समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

इजरायल का कड़ा रुख और अंतरराष्ट्रीय राजनीति

इजरायल का उद्देश्य हमास के आतंक को पूरी तरह समाप्त करना है। इससे पहले, इस साल जुलाई में इस्माइल हानिया और सितंबर में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद सिनवार की मौत को इजरायल की सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है।

अब सवाल उठता है कि हमास इस नुकसान का जवाब कैसे देगा। क्या हमास का नेतृत्व इस हमले से उबर पाएगा, या यह घटना संगठन के पतन की शुरुआत साबित होगी? साथ ही, यह भी देखा जाना बाकी है कि अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगी इस घटना का इस्तेमाल क्षेत्र में स्थायी शांति लाने के लिए कैसे करेंगे।

निष्कर्ष
याह्या सिनवार की हत्या से इजरायल-हमास संघर्ष एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। हालांकि, हमास की प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीति ही यह तय करेगी कि संगठन इस संकट से उबर पाएगा या इसका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

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